PM Modi की स्पीच का असर, COAI ने की मांग. WhatsApp, Telegram की बढ़ सकती मुश्किलें.

हाइलाइट्स

  • भारतीय टेलीकॉम नेटवर्क में डेटा सिक्योरिटी के लिए नियम बनाने की मांग कर रहा है टेलीकॉम ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI)।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर सिक्योरिटी के महत्व पर जोर दिया है और वैश्विक स्तर पर इसे सुनिश्चित करने की आवश्यकता बताई।
  • COAI का कहना है कि ओवर-द-टॉप (OTT) एप्लिकेशन्स जैसे टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और गूगल मीट के माध्यम से फ्रॉड के मामलों में वृद्धि हो रही है।


सरकार डेटा सिक्योरिटी पर सख्त कदम उठा रही है। COAI ने भी इसमें अपनी भागीदारी दर्ज की है और सुझाव दिया है कि इंडियन टेलीकॉम नेटवर्क में एंट्री और एग्जिट डेटा के नियम बनाए जाएं। साथ ही इसमें OTT प्लेयर्स को भी शामिल किया जाए।

डेटा सिक्योरिटी को लेकर सरकार सख्त रुख अपना रही है। अब इस मामले में COAI की भी एंट्री हो गई है। COAI चाहता है कि सरकार को इंडियन टेलीकॉम नेटवर्क में एंट्री और एग्जिट डेटा के लिए नियम बनाने चाहिए। इस पूरे प्रोसेस में OTT प्लेयर्स को भी शामिल करना चाहिए। COAI DG SP कोचर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की है। उनका कहना है कि सरकार पहले ही डेटा सिक्योरिटी पर कई जरूरी कदम उठा रही है।

IMC के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर सिक्योरिटी की बात कही थी। कोचर का कहना है कि सरकार को सिक्योरिटी और इंडस्ट्री के लिए मानक तैयार करने चाहिए। भारत में अभी भी बहुत सारे टेलीकॉम नेटवर्क हैं जो अभी भी भारतीय कानून को फॉलो नहीं कर रहे हैं। ऐसे में COAI डिमांड करता है कि इनके लिए भी नियमों को बराबर कर दिया जाए। भारतीय नेटवर्क को लेकर ये साफ होना चाहिए कि उन्हें कैसे एंट्री और एग्जिट करनी है। भारत सरकार को तय करना चाहिए कि वह किसी एंट्री और एग्जिट करने की इजाजत देना चाहती है।

OTT एप्लीकेशन पर फैसला-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात पर जोर दिया था और कहा था कि वैश्विक स्तर पर हमें देखना चाहिए कि साइबर सिक्योरिटी कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। पीएम की स्पीच के बाद डेटा सिक्योरिटी को लेकर डिबेट स्टार्ट हो गई थी। कोचर कहते हैं कि क्लाउड टेक्नोलॉजी पर भी काम किया जा सकता है। इससे भी काफी मदद मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि अभी बहुत सारे फ्रॉड होते हैं, ये अलग-अलग जगहों से होते हैं। कुछ फ्रॉड तो OTT एप्लीकेशन की मदद से भी किए जाते हैं।

COAI का कहना है कि टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और गूगल मीट की मदद से भी फ्रॉड को अंजाम दिया जाता है। मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स को इसका भी खास ध्यान रखना चाहिए। कम्युनिकेशन को लेकर भी आपको काफी सतर्क रहना चाहिए।

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